लेखनी कहानी -01-Sep-2022 सूर घनाक्षरी विधान,२- हिन्दी हमारी शान 3- शिक्षक समाज का दर्पण, 4-श्रद्धेय
अलंकार काव्यात्मक अभिव्यक्ति
अलंकार का अर्थ जो जानो गहने और जेवरात,
हर नारी के मन को भाता शोभित करता गात।
ऐसे ही साहित्य जगत में काव्य का करे श्रृंगार,
हर कविता को करे अलंकृत उसको कहते अलंकार।
काव्य विधा को करे अलंकृत दो रूपों में दो हैं इसके प्रकार,
कभी शब्दों से कभी अर्थों से मिल करते हैं श्रृंगार।
प्रथम करें वर्णों से शब्दों से अलंकरण कहलाता शब्दालंकार, दूजा है अर्थों से सजाता पद्य को मनोरम है बनाता वह अर्थालंकार।
वर्ण कई बार हो आवृत्त तो अनुप्रास ये भी बांटा जाता है पांच विभाग,
शब्द एक ही अलग अर्थ में आता है दो बार यमक बढ़ाता पद्य का सौभाग।
आगे बढ़ो पहुंचो श्लेष पर जानो श्लेष का शाब्दिक अर्थ -चिपकना,
शब्द पद्य में एक ही बार अर्थ कई दे अलग अपार श्लेष है जानना।
अलका प्रियदर्शिनी
लखनऊ उत्तर प्रदेश।
स्व रचित मौलिक व अप्रकाशित
@सर्वाधिकार सुरक्षित।
Shashank मणि Yadava 'सनम'
29-Sep-2022 11:06 PM
प्रस्तुतीकरण बेहतरीन बेहतरीन है
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
29-Sep-2022 11:05 PM
बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ
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Reena yadav
08-Sep-2022 04:10 PM
👍👍
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